कितनी साज़िशें की होगी, एक तुझको पाने में,
मेरे नसीब में तू है भी? ये कौन जानता है..

-Sarita Sharma

Hindi Shayri by Sarita Sharma : 111714586
ધબકાર... 3 years ago

कौन क्या है, कैसा है, क्यों जानना है ? इश्क़ मुकम्मल होगा रूह तक यही मानना है.

ધબકાર... 3 years ago

दिल में क्या है ये क्यों जानना है ? इश्क़ था, है, रहेगा ये मानना है.

Sarita Sharma 3 years ago

लफ़्ज़ों की हेराफेरी से हर कोई मशहूर है यहाँ, पर दिल में क्या छुपा है?ये कौन जानता है..

ધબકાર... 3 years ago

लोग भले बदले, मौसम का रुतबा ही ऐसा है, इश्क़ बेइंतहां करेंगे, हमारा रुतबा ही ऐसा है.

Sarita Sharma 3 years ago

मौसम की तरह अब लोग बदलते हैं, प्यार वही रहता है बस चेहरे बदलते हैं..

ધબકાર... 3 years ago

भले बदले दुनिया, बदले दुनिया का हर दस्तूर, शिद्दत से निभाएंगे साथ जब जक है मौत हमसे दूर.

Sarita Sharma 3 years ago

मोहब्बत बदल गयी इसके पैमाने बदल गए, इश्क़-ए-वफ़ा के जमाने बदल गए...

ધબકાર... 3 years ago

रिश्ते भले हो दिमाग से या इश्क़ भले रहे जुबा तक, पनाह में रह साथ निभाएंगे जिस्म से जान की वफा तक.

Sarita Sharma 3 years ago

दर्द-ए-दिल की इंतेहा आखिर कहा तक.. रिश्ते केवल दिमाग से हैं और इश्क़ जुबां तक..

ધબકાર... 3 years ago

ख्वाब भले तुटे वो तो बनते ही इसलिए है, तबतक ऐसा रिश्ता रहेगा जैसे एकदुजे के लिए है.

Sarita Sharma 3 years ago

टूटेंगे हर ख़्वाब जो सजाकर बैठे हो.. किसी से गर तुम भी दिल लगाकर बैठे हो..

ધબકાર... 3 years ago

Nice...👌 आप आए नसीब दौड़ा आएगा, आपके इश्क़ मे खूब मजा आएगा.

Kanha.SK 3 years ago

Apka chehra aur apki lekhni dono khubsurat hain mam🙏🏻

Jaydeep Makwana 3 years ago

Waah, bahut khub 👌

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