ना ही वो मुझे संवार पाया,
और ना ही मैं उसे बदल पाया।
कुछ ऐसा रिश्ता रहा वक़्त से,
जो वक़्त ने हर वक़्त निभाया। - दीपक

Hindi Thought by Deepak Sharma : 111714077

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