🙏 सुप्रभात जी 🙏

कोयल काली गा रही, बीत गई है रात।
सूर्य की कारणें लाइ हैं, देख नूतन प्रभात।।

मंदिर के पट खुल गये, हो गई है प्रभात।
शंख की गूंज बज उठी, पक्षी कर रहे बात।।

उमा वैष्णव
मौलिक और स्वरचित

चित्र by Google

Hindi Blog by Uma Vaishnav : 111710141
shekhar kharadi Idriya 3 years ago

अति सुन्दर

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