हमेसा किसी न किसी की निंदा करने वाला व्यक्ति अंत स्वंम को आलोचना से घिरा हुआ पाता है। क्योंकि अपने पूरे जीवन को वो इसी कार्य में बर्बाद कर देता हैं। और कभी कुछ नहीं कर पाता। जलन और द्वेष उसके मस्तिष्क पर अहंकार की चादर डाल देता है। जिससे उसे कभी कुछ पता नहीं चलता।

-प्रवीण बसोतिया

Hindi Quotes by प्रवीण बसोतिया : 111709896

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