राधे राधे दोस्तो,

नि.र.स. केवल एक नाम नही एहसास है प्यार के बाद आई यादो का, एक सफर जो दिल को समझाता है कि वो क्या थी, क्या हुआ, कहाँ गलती रह गई मुझसे उसे पा ना सके। मगर ये एहसास में कुछ भी हो जो अंत है वो आपको कुछ बनने को कहता है, खत्म होने को नही। मैने भी उसी एहसास को मेरी नये नज्मों में रचा है। किसी एक भी एहसास से जूडे हो तो मुझे अपने एहसास लिखकर भेजे। पढे और हमेशा कि तरह निखारे मेरी कलम को।

धन्यवाद

.........👇👇👇👇👇.........


Click on the link.
Go to webpage.
Click on Read now.
Read and review at last.

----------------------------------------------

"नि.र.स. - 3 - यादों का सफर" by Rajat Singhal read free on Matrubharti
https://www.matrubharti.com/book/19911934/ni-ras-a-journey-of-love

Hindi Poem by Rajat Singhal : 111709241

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now