गुफ्तगू 🪐

आज मैं उस के दर पे शिकायत लेके आ पहुंची
मेने उसी लहजे में बोलना चाहा और वो हानामी दे गया
ढेर लगा दिया मैने उसकी हर उस हरकतों का जो
मुझे रांज ना आया , सौदागर बोलके उसको थपका भी दिया
पर.....
वो चुप खड़ा मुझे और मेरी हाफती सांसों को देखता रहा
मेरी परवाह में वह हर शिकायत पर भी मुस्कुराता गया
समय साथ चला तेज हवा का ज़ौका मुझे शांता कर गया
सहसा गिरती वो बूंदे मेरे सूखे गले पर अमरीत बरसा गई
पर.....
में नादान अब भी उसके जवाब की राह तकती रही
उसने बोला भी मेरी हालत का ख्याल रखते रखते
जो लिया है तुजसे वो तेरा अजीज था मालूम है मुझको
सबसे ज्यादा जानता हूं में मेरी इस इनायत को
पर.....
जो दिया है मेने वो मेरा अजीज है क्या जानता है तू ?
तू तो भूल ही गया है उसका ख्याल रखना पर .....
भूल मत तेरा ख्याल हर पल है मुझे तुजसे भी ज्यादा
बस उसकी इस रेहमत का किसासा अब समझ आया
मुझे....# trust Allah..Farm #

Gujarati Poem by Fatema Chauhan Farm : 111707276

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now