मैंने हमेशा ही अपने हाथों को किसी के आगे केवल सम्मान में जोड़ा है..
लेकिन तुम्हारे जाने की बात सुन मैंने सबके सामने हाथ जोड़े.. केवल इस आशा से, की शायद कोई तो होगा जो तुम्हें रोक लेगा।
~रूपकीबातें
#रूपकीबातें
#roopkibaatein #roopanjalisinghparmar #roop

Hindi Thought by Roopanjali singh parmar : 111707201

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now