कर्मों का हिसाब

जिंदगी मिली है तो जीना ही पड़ेगा ।

हम शरीर धारण कर संसार में आए हैं तो
कर्मों के हिसाब तो होंगे।

जब तक हम अपने पूर्व जन्मों के कर्मों को चुका नहीं लेते तब तक ये माटी की काया का बोझ तो हमें ढोना ही है। इससे हम बच नहीं सकते हैं।

मत कर अभिमान रे बंदे पर भर में छूट जाएंगे प्राण ।

प्राण पखेरु उड़ जाएंगे तो रह जाएगी नश्वर काया।

मत कर तू गुमान रे बंदे मत कर तू गुमान।

मुसाफिरी जब पूरी होगी
फिर दुनिया वालों से दूरी होगी।

ये तो मोह माया का है संसार रे बंदे
काहे करे तू झूठे अभिमान।

धन दौलत और माल खजाना

सब तो यहीं रह जाना है।
मत बनाओ अपने कर्म रे बंदे फिर वापिस कर्म चुकाने धरती पर आना है
पाप और पुण्य का लेखा जोखा होगा ।

यमराज दरवाजे पर खड़े मिलेंगे।

इसमें कोई भी रियायत नहीं मिलेगी।

चेतना है तो चेत जाओ रे बंदे । किसी भी हाल में
बिना कर्म के भुगतान के
नहीं छूटेंगे प्राण।

चाहे लाख जतन तू कर ले रे बंदे। यही है जीवन का सच तू जान

और कर्मों का भी यही है विधान।

नाते रिश्तेदारों से रिश्ते सदा के लिए टूट जाएंगे।

शव यात्रा पर चलने को तैयार मिलेंगे।

दाह संस्कार की हड़बड़ी होगी।

चार दिन बाद दीवार पर फोटो लगेगी।

शोक सभा में दो आंसू बहाएंगे

फिर भूल जाएंगे।

नयी शुरुआत करेंगे।

बीते हुए पल को भूल जाएंगे।

तेरे कर्म ही तेरे साथ जाएंगे।

यही है कर्मों का हिसाब
जो तेरे साथ जाएंगे रे बंदे।
मत कर तू अभिमान रे बंदे।
।ये माटी की काया का

क्यों करे तू गुमान।


दो दिनों का मेला है जग से जाना भी अकेला है।

-Anita Sinha

Hindi Motivational by Anita Sinha : 111705091
Anita Sinha 3 years ago

हार्दिक धन्यवाद

Anita Sinha 3 years ago

जी हार्दिक धन्यवाद

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