जब जब सांसे उखड़ने लगती हैं,,
कुछ यादें जेहन में चक्कर लगाने लगती है,,,,,
जब जब डोर जिन्दगी की छूटने लगती है,,
ख्वाहिशे रही जो अधूरी वो
पास बुलाने लगती है,,,,,
आस टूटने को जीवन की मचलने लगे जब,,
मेरी माँ और ममता मेरी फिर से जीन्दगी से मेरी यारी कराने लगती है,,,,,

love u 🧡 ZINDGI 🧡

-Khushboo bhardwaj "ranu"

Hindi Thought by Khushboo Bhardwaj RANU : 111704935

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