My Encouraging Poem..!!
अनगिनत चादर साँझ
ने जिंदगी पर डाल दी
तो क्या...??🍃🌹🥀
अंधेरे की सड़क में भोर
तक राह शामिल तो है
काले बादल मँडराएँ है
ज़िंदगी की वादियों में
तो क्या...??🍃🌹🥀
मौसमों की फ़ेहरिस्तों में
बहार भी शामिल तो है
कोरोना की काली स्याही
ज़िंदगी को महदूद करती है
तो क्या...??🍃🌹🥀
कुवत-ए-इन्सानी हौसले
भी ज़िंदगीमें शामिल तो है
घटा घनघोर ग़मों की पस्त
ज़िंदगी को बेवजह करती है
तो क्या...??🍃🌹🥀
ज़हनों के किवाड़ों में हल
हर छलो काँ शामिल तो है
इन्सानों की एसी पतझड़
जो न देखी न सुनी हो कभी
तो क्या...??🍃🌹🥀
हर मौत की पुष्टि में प्रभु
की रज़ामंदी शामिल तो है
परखने को प्रभुजी ने ही दी
ज़िंदगी हमें ओर भेजा यहाँ
तो क्या...??🍃🌹🥀
वह अनदेखा सृष्टि-रचयिता
ज़िंदगीके खेलमें शामिल तो है
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