मेरे जीवन के वो क्षण
जब मैं पुचकारी भरता था
तब तूने शरण दिया था मां
तेरे आंचल की छाया में मैंने
अपना जीवन वरन किया है मां
तू मेरा अभिमान है मां
ईश्वर का वरदान है मां
तेरी परछाई में बैठा पूरा हिंदुस्तान है मां ।।

-Anand Tripathi

Hindi Shayri by Anand Tripathi : 111703368

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now