सूर्योदय
सूर्योदय हो रहा है
सत्य का प्रकाश विचारों की किरणें बनकर
चारों दिशाओं में फैल रहा है
मेरा मन प्रफुल्लित होकर
चिंतन मनन कर रहा है
प्रभु की कृपा एवं भक्ति का अहसास हो रहा है
समुद्र की लहरों पर
ये प्रकाश की किरणें पडती है
तो तन, मन हृदय एवं आँखें
ऐसे मनोरम दृश्य को देखकर
शांति का आभास देती है
सुख और सौहार्द्र का वातावरण
सृजन की दिशा में प्रेरित कर रहा है।
आज की दिनचर्या का प्रारंभ
गंभीरता से नये प्रयासों की
समीक्षा कर रहा है।
शुभम्, मंगलम्, सुप्रभातम्
हमारी अंतरात्मा
वीणा के तारों का आभास देकर
वीणावादिनी सरस्वती व लक्ष्मी का
स्मरण कर रही है
तमसो मा ज्योतिर्गमय के रूप में
दिन का शुभारंभ हो रहा है
सूर्यास्त होने पर
मन हृदय व आत्मा में समीक्षा हो रही है
और आगे आने वाले कल की
सुखद कल्पनाओ मे खोकर
जीवन का क्रम चलता रहा है
और चलता रहेगा।