मैं और मेरे अह्सास

तेरी आखों से पीना चाहते हैं l
तेरी यादों मे जीना चाहते हैं ll

चांदनी भरी मदमस्त रातो मे l
तेरी बाहों मे डूबना चाहते हैं ll

आंख बंध करके किया है यकी l
तेरे वादो पे लुटना चाहते हैं ll

दर्शिता

Hindi Poem by Darshita Babubhai Shah : 111702947

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