भीड़ चाहे कितनी भी होगी ,
आपको पहचानने की गलती हमसे कभी ना होगी !

आपकी एक मुलाकात में हमें जीने की वजह मिल गयी ,
ज़िन्दगी की भूल भुलैया जैसे एक राह बन गयी !

शौक पुरे ना होने का हमें कोई ग़म नहीं हैं ,
क्योंकी ख्वाब आपका हमारे लिए ज़िद बन गया है !

बातों में उलझाकर अपना बनाना फितरत में नहीं है आपकी ,
अगर छूना है आसमान को तोह बेईमानी की चद्दर किस काम की ?

बीत जाएगी ज़िन्दगी यूही बस एक पल में ,
अब गुझरे हुए लम्हों में खोकर कमजोर नहीं बनना है हमें !

-Patel Anjali

Hindi Poem by Patel anjali : 111702798

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