अभी रुकी हूं मैं ज़िन्दगी से कोई जल्दी नहीं
थोड़ा लफ़्ज़ों को बदल दूं थोड़ा सा मैं भी भटक लूं
आशियाने को सजा लूं दुबारा फिर आऊंगी
इतनी बैचैनी किस बात कीअभी तो आसमां हमारा है
तुम दूर तलक साथ चलना मेरे साया बनकर साथ रहना मेरे
अभी ना तुम ये मोती गिराना की निकला नहीं है अभी जनाजा हमारा