Hi..
My todays poem is on Unconditional love. Which doesn't have any limitation, it is free from any barriers.
कल्पना से परे
समंदर की वो गहराई रही हो तुम
जिसमें हम डूब ना चाहते हैं l
डूब के भी बस तुम्हारा होना चाहते हैं
कल्पना से परे ...हमारा प्यार हो तुम l
फूलों की वो महक हो तुम
जिसमें हम भूलना चाहते हैं l
भूलकर भी बस तुम्हारा होना चाहते हैं l
कल्पना से परे ...हमारा वजूद हो तुम l
भीड़ की वो खामोशी हो तुम
जिसमें हम बदलना चाहते हैं l
बदल के भी बस तुम्हारा होना चाहते हैं l
कल्पना से परे ...हमारी मोहब्बत हो तुम l
दर्द कि वो सिसकियां हो तुम
जिसमें हम रुकना चाहते हैं l
रुक के भी बस तुम्हारा होना चाहते है l
कल्पना से परे ...हमारी जान हो तुम l
दिन की शुरुआत हो तुम
रात का बस सपना हो तुम
सांसों की वह धड़कन हो तुम
रूह कि वह तड़प हो तुम
जिसमें हम तुम्हारा साथ चाहते हैं l
तुम्हारे साथ होते ही
बस तुम्हारा होना चाहते हैं
कल्पना से परे... हमारी आखरी मोहब्बत हो तुम l
....आखरी मोहब्बत हो तुम l
.....Akanksha Shinde
Hope u all like..
❤Thank you guys.❤
#Kavyotsav2
#poem