*मौत के डर से ही सही,*.....
*ज़िन्दगी को फुर्सत तो मिली*.....
*सड़कों को राहत*.......
*और घरों को रौनक तो मिली*....
*प्रकृति, तेरा रूठना भी जरूरी था*...
*इंसान का घमंड टूटना भी जरूरी था*..
*हर कोई खुद को खुदा समझ बैठा था*..
*ये शक दूर होना भी जरुरी था..!*

Hindi Blog by mim Patel : 111698186

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now