तेरी मोहब्बत की रेहमतो को पाना चाहता हूँ ...............
तेरे जज़्बातो की उलझनों को सुलझाना चाहता हूँ .....

तेरी मोहब्बत की रेहमतो को पाना चाहता हूँ .............
तेरे जज़्बातो की उलझनों को सुलझाना चाहता हूँ ....

गुमनामी में जीने से डरता हूँ मैं......

तेरे इश्क़ में बदनाम हो कर मरजाना चाहता हूँ.......

Hindi Shayri by Sohail K Saifi : 111696517

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now