मैं और मेरे अह्सास

कभी कभी लगता है l
तू और तेरी यादे जीने का सहारा है l
तू और तेरे वादे जीने का सहारा है l
तू और तेरी बाते जीने का सहारा है l
गूजर ही जाएगी जिंदगी यूही बैठें बैठें l
बस तू यूही दिल बहलाते रहेना ll

दर्शिता

Hindi Poem by Darshita Babubhai Shah : 111695375

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