प्यार

बस कुछ पाने या कुछ पाने के लिए, कम से कम मुझे तुमसे प्यार नहीं हुआ। मैं यह भी स्पष्ट करती हूं कि मुझे नहीं लगता कि तुमको मेरे प्यार के बदले में मुझे प्यार हीं करना पडेगा। तुमसे प्यार यसकारण नहीं करती मैं ताकि तुम्हारा स्पर्श प्राप्त कर सकें या तुम्हारा करीब होकर कोई संतुष्टि या लाभ प्राप्त कर सकें। मैं तुमसे बिना किसी अपेक्षा के प्यार करती हूं।

मैं अच्छी तरह से जानती हूं कि तुम किसी अौर के हो, यह कहे कि तुम इस सामाजिक परिवेश में एक विवाहित व्यक्ति हो। तुम्हारा अपनी सीमाएँ हैं, जीवन की अपनी लय है जो किसी और से बंधी है। लेकिन मैं तुमसे प्यार किए बिना नहीं रह सकती। जानते हो क्यों?

क्योंकि जो मैं तुम्हें करती हूं वह है प्रेम, कोई भौतिक चीज नहीं है, यह सिर्फ मेरे मन की भावना है, एक ऐसा जुनून जिसे मैं पूरी तरह से मिटा नहीं सकती, मैं दबा नहीं सकती। सामाजिक वातावरण मुझे तुम्हारे साथ संबंध स्थापित करने से रोक सकता है लेकिन मुझे प्यार करने से कभी नहीं रोक सकता। और मैं यह भी अच्छी तरह से जानती हूं कि किसी से प्यार करने की मंजिल संबंध स्थापित करना या शादी करना नहीं है। शादी तो वस इक समझौता है। जीवन भर का समर्थन बनने के लिए समझौता। और सभी समझौता प्यार पर आधारित है यह आवश्यकता कहां है?
या प्रेम सभी परिस्थितियों में कैसे पैदा किया जा सकता है?

कभी-कभी मैं लोगों को यह कहते हुए सुनती हूं, "मैं किसि के साथ प्यार में था लेकिन अब मैं नही हुं", "मैं प्यार में था, लेकिन किसी और से शादी करने के बाद, प्यार खत्म हो गया।" लेकिन मुझे लगता है कि प्यार की कोई सीमा नहीं है, न ही रिश्ते की अवधारणा में कोई प्यार है। जब किसी रिश्ते के विचार के बिना किसी के लिए प्रेम जागृत होता है, तो यह कहना कितना उचित है कि प्रेम समाप्त हो गया क्योंकि किसी के साथ कोई संबंध स्थापित करना सोचकर किसि से प्यार नहीं होता हैं।

या यह कैसे कहा जा सकता है कि जब अपेक्षित चीज नहीं मिलती है तो प्यार खो जाता है? जबकि प्यार करने से प्यार नहीं होता है, यह कुछ ऐसा है जो अनायास विकसित होता है। जैसा कि मुझे तुम्से हुआ है। जब तुम मेरे प्यार के बदले में मुझसे प्यार नहीं करेंगे, तो तुम्हारा लिए मेरा प्यार कैसे खत्म हो सकता है?

मुझे तुमसे मिलने की कोई उम्मीद नहीं है, छोड़ने का कोई डर नहीं है, तुम्हारे साथ यात्रा करने की कोई इच्छा नहीं है, कभी भी तुम्हारी होने की कोई इच्छा नहीं है, मुझे सिर्फ तुम्हारे होने का एहसास है, यह एहसास से हीं मेरा जीवन सुगन्धित है क्योंकि तुम केवल मेरे प्यार हो जब तक यह जीवन रहेगा तब तक तुम्से मेरा प्यार रहेगा।

✍️ स्वर्णिम सहयात्री

Hindi Thought by SWARNIM स्वर्णिम : 111695292

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