पाकर सब कुछ ये
कैसी हे तन्हाइयां
इश्क में तेरी और
कितनी हे गहराइयां

यादें तेरी दस्तक दे रही
कैसे संभाले खुद को
अब तो तंग करने लगी हे
ये खुद की ही परछाइयां

-Ishan shah

Hindi Shayri by Ishan shah : 111694232

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