इस जहां में कोई हमसे भी तो पूछे!

"कहाँ हो आज कल, गुम ही हो जैसे।

तुम और तुम्हारा बचपना याद आता है,
बहोत कुछ सिखाते थे

और अब खुद ही इतने बड़े हो गए हो
कि खुद को भी भूल गए हो।

कभी चाहत थी तुम जैसे बने,
और ये क्या तुम भी हम जैसे हो गए। "

- नूपुर

Hindi Thought by NupuR KumaR : 111693300

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