फुलसे तितली उड गयी,,छतसे कबुतर उड गया,,जरासी क्या आँख झपकी के मंजर उड गया..
वहम था सरपे आसमान है,,वहम था सरपे आसमान है,,ऐसी आँधी आयी की छप्पर उड गया..
साप बैठे थे खजाने पे,,ओ बैठेही रह गये,,सारा खजाना चौकीदार लेकर उड👉 गया.
वनिता

Hindi Shayri by Vanita Bhogil : 111693263

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now