यकीन था कि हमसफ़र तू होगा मेरा एक दिन
पर ज़िन्दगी में नहीं तू काफिलों में शामिल था
मैंने भीड़ से हटकर तुझे आवाज़ भीड़ में दी थी
तू नए सफर पर था मेरी तन्हाइयों से वाकिफ ना था

Hindi Whatsapp-Status by Arti Shukla : 111691137

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now