दुआएँ कुबूल बहोत हुई हमारी, पर
कभी तुजे इन दुआओं में माँग न पाएँगे...
Raahi
हद से ज़्यादा दौड़ गए इस ज़िंदगी मे,
पर कभी इस दिल की दहलीज़ लाँग न पाएँगे...

- परमार रोहिणी " राही "

Hindi Shayri by Rohiniba Raahi : 111689637

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