बिछड़ कर धरती से, एक नया रूप रखती है,
किसी की याद में तब ये गरज गरज के बरसती है..
मिलने की चाहत लिए जब गिरती है ये बूंदे..
प्रकृति के हर कण में तब ये बस इश्क़ भरती है...

Hindi Shayri by Sarita Sharma : 111689302

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