एक जमाना था
जब मैं तुम पर शायरी करता था
और लोग तालियां बजाते थें
अब बस मैं मुस्कुरा देता हूं
और लोग समझ जाते हैं
तुम पर शायरी होने वाली है

Hindi Shayri by Amar Kamble : 111688687

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