अक़्सर कई लोग पूछते है क्या मिलेगा?
पर में सोचती हूँ मुजे क्या हासिल हुआ है..?
Raahi
बस मैं तो जीने के लिए साँसे भरती हूँ,
तू थोड़े ही ज़िंदगी मे सामिल हुआ है...

- परमार रोहिणी " राही "

Hindi Shayri by Rohiniba Raahi : 111688241

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