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अप्रैल को बाल यौन शोषण निवारण माह के रूप में मनाया जाता है। हर साल, दुनिया भर में लाखों बच्चों का यौन शोषण किया जाता है। हर गुजरते साल के साथ यह संख्या बढ़ती ही जा रही है।

बाल यौन शोषण हमारे समय की भ्रष्टता को दर्शाता है। जब बात आती है खुद के ही बच्चों की रक्षा करने की तो एक समाज के रूप में हम बहुत बुरी तरह से असफल हो रहें हैं।

दुखद लेकिन इसी भयानक अपराध पर लिखी मेरी एक कविता

शीर्षक : गलती किसकी

वो आता जब भी घर, डर जाती थी वो
अपने आप में ही सिमट जाती थी वो

वो पराया नही एक अपना ही तो था
उसका आना एक बुरे सपने जैसा ही तो था

घरवाले बड़े खुश होते करते उसका आदर - सत्कार
उसके घिनौने हाथों सौंप देते वो नन्ही सी जान

कसमसा जाती वो कि कुछ भी समझ ना पाती
पर कुछ गलत था जो अंदर तक दहल जाती

गालों पर कभी जांघ पर वो घिनौने हाथ फेरता
एक कुटिल मुस्कान लेकर उसको पास खींचता

धीरे - धीरे बड़ी हुई वो समझ उसकी पूरी थी
घर में कोई समझता नहीं यही एक कमज़ोरी थी

एक दिन रौंद गया उसको कर गया वो शिकार
झूठी शान की खातिर आज झुक गया था परिवार

©️ अनिता पाठक

Hindi Poem by अनुभूति अनिता पाठक : 111688005
Priyan Sri 3 years ago

बच्चों को बचपन से ही इस बारे में जागरूक करना बहुत जरूरी है। Good touch, bad touch और अगर इस परिस्थिति में फंस जाएं तो निकलना कैसे है.... इनकी जानकारी जरूर देनी चाहिए।

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