My Meaningful Poem..!!!
यारों मेरा जुर्म है तो क्या है
यह तों बता दो मुझे
अगर मासूम होना भी गुनाह
है तों सजा दो मुझे
शायराना अन्दाज़ ही अदा है
मेरी तों दाद दो मुझे
पाकीज़ा लफ़्ज़ोंमें कोई ख़ता
है तो बता दो मुझे
हल्के लहजे में राफ़ता रब से
होता है तों मान लो मुझे
बयान दिल से करता हूँ छुँए
दिलको तों क़बूल...!!!
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