बंदिशे सारी तोड के निकली हूं
एक ख्वाब है जो हासिल करने निकली हूं
होशो आवाज में इश्क़ का नशा करके बैठी हूं
उसे पाने की जिद सिर पे सवार करके बैठी हूं

-Bhut Kajal

Hindi Shayri by Bhut : 111686913

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