हर गली मे संभलकर रखनेवाले तुम्हारे पाँव
अब इश्क की गली तक आ पहुंचे हैं,
अब तुम अपने आपको संभाल नही सकोगे,
यहाँ हर जगह दि्वानगी का पेड लगा हुआ हैं ,
और
उसमें ददँ के फूल खिलते हैं।

Hindi Shayri by Jayshree : 111686043

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