वह चाहती तो बहुत है हमें
पर बताती नहीं है
दिल में प्यार भी बहुत है
लेकिन जताती नहीं है
गलती करु अगर मैं कोई
तो डरती भी बहुत है
चलु अगर मैं किसी गलत राह पर
तो समझाती भी बहुत है
रूठ जाऊ गर में किसी बात पर
तो मनाती भी बहुत है
भले ही मुझे तेरा यह प्यार समझ में नहीं आता
लेकिन इशारों इशारों में
अपनी बात को बताती भी बहुत है

-Monty Khandelwal

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