मिलों दूर हो कर भी वो इतने पास था
कैसे कहूँ वो कितना खास था....

मेरे हर सपने में उसकी आहत थीं
उसे देखना मेरी चाहत थी....

पूरे दिन मेरे ख़यालो में आता है
ऐसे ही वो मुझमे रह जाता है....

उसकी यादों में कुछ ऐसा नशा है
दूर है तो क्या हुआ वो मुझमे बसा है....

मेरे मन मे उसका ही निवास था
बस उस बात का हर पल उल्लास था....

-Bhut Kajal

Hindi Shayri by Bhut : 111684482

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