My Meaningful Poem..!!!


बोसा दे के एक हल्की
सी "आह" के बाद

वो बोली .. बस बाकी
सब निकाह के बाद

संस्कृति की चार दिवारें
धागे के बंधन बाद

पुस्तों की ख़ानदानी हया
सँवरती”हाँ”के बाद

दो नस्लों की मिलावट है
एक औलाद के बाद

वंशावली चलतीं आईं हैं
निकाह-रस्म के बाद

प्रभुजी बनाएँ हैं संरचना
जहाँ बनने के बाद

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Hindi Motivational by Rooh   The Spiritual Power : 111682509

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