*Lovely poem*

तू अपनी
खूबियां ढूंढ,
कमियां निकालने के लिए,
*लोग हैं न*...

अगर रखना है कदम
तो आगे रख,
पीछे खींचने के लिए
*लोग हैं न*...

सपने देखने ही है तो
ऊंचे देख,
निचा दिखाने के लिए,
*लोग हैं न*...

अपने अंदर जुनून की
चिंगारी भड़का,
जलने के लिए,
*लोग हैं न*...

अगर बनानी है तो
यादें बना,
बातें बनाने के लिए
*लोग हैं न*...

प्यार करना है तो
खुद से भी कर,
दुश्मनी करने के लिए
*लोग हैं न*...

रहना है तो थोड़ा
बच्चा भी बनकर रह,
समझदार बनाने के लिए
*लोग हैं न*...

भरोसा रखना है तो
खुद पर रख,
शक करने के लिए
*लोग हैं न*...

तू बस सवार ले
खुद को,
आईना दिखाने के लिए
*लोग हैं न*...

खुद की अलग
पहचान बना,
भीड़ में चलने के लिए
*लोग हैं न*...

तू कुछ करके दिखा
दुनिया को,
तालियां बजाने के लिए
*लोग हैं न*...

Hindi Poem by Keyur Parmar Broadway : 111680704

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