दिन परेशान हैं, रात बाकी हैं
जिंदगी हैं की फिर भी प्यारी हैं
क्या तमाशा हैं, कब से जारी हैं
ज़िंदगी हैं की फिर भी प्यारी हैं
इस कहानी को कौन रोकेगा
उमर ये सारी कौन सोचेगा
बेकरारी सी बेकरारी हैं
ज़िंदगी हैं की फिर भी प्यारी हैं

Gujarati Thought by Vaidehi : 111679921

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