मुँह फेर के एसे मत जा
मेरा दिल तोड़ के न जा

मेरी धड़कन को सुनता जा
तेरे ही प्यार का बजे बाजा

हो सके तो वापस आजा
दिल लगानेकी न दे सजा

Hindi Shayri by Parul : 111676543

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