फ़िर वहीं तुम औऱ दूरियां..!

कुछ शिकायतें हैं कुछ अर्जियां कुछ राहतें मन-मर्ज़िया
कुछ मुलाकातें-मजबूरियां फ़िर वहीं तुम औऱ दूरियां..!

कुछ चाहतें हैं कुछ ज़ुर्रिया कुछ वहीं तारीख़-ए-सुर्खियां
कुछ आदतें-समझदारिया फ़िर वहीं तुम औऱ दूरियां..!

कुछ सताते हैं कुछ मनाते और कुछ ज़ाम जैसी यारियां
कुछ राहतें थी हम-दरमियाँ फ़िर वहीं तुम औऱ दूरियां..!

कुछ समजोते हैं कुछ तैयारियां ज़िंदगी-ब-जिम्मेदारियां
कुछ रोते-रिश्तेदारियां हम फ़िर वहीं तुम औऱ दूरियां..!

कुछ चीख़ते हैं कुछ शायरियां औऱ ग़ज़लोमे गेहराइयां
कुछ लिखतें बज़्म "काफ़िया" फ़िर वहीं तुम औऱ दूरियां..!

#TheUntoldकाफ़िया

instagram @kafiiya_

Hindi Poem by TheUntoldKafiiya : 111674959

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