तेज बारिश में, कभी सर्द हवाओं में रहा,
एक तेरा ज़िक्र था, जो मेरी सजदेमें रहा..!!
कितने लोगों से मेरे गहरे रिश्ते थे मगर,
तेरा चेहरा ही सिर्फ मेरी दुआओं में रहा..!!

-Shanti khant

Hindi Shayri by Shanti Khant : 111670997

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