अकेले तोह बहुत जी लिए सनम, अब तेरे संग जीना हैं
इश्क की गलियों में फिर , तेरे नाल मुस्कुराना हैं
सिफारिश करके खुदा से ,तुझे हर जन्म में अपना बनाना हैं
एक दो या तीन नही अब तोह सातों जन्म तुहे पाना हैं I

Hindi Shayri by BD Vaishnav : 111668557

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now