तेरी याद से मुड़कर भी देखा
किसी और से जुड़ कर भी देखा।
कभी कभी सिर्फ खुदके बने रहे
कभी कभी खुद से ही बिछड़ कर देखा।
मिल जाए शायद कोई पुरी उम्र जिंदगी के काफिले में
पर वो सुकुन जो तुझमें था, जो अब बस यादों में ही है।
वो सुकुन कहीं नहीं देखा जो तुझमें था
कुछ ऐसे ही तु मुझमें रहा।।
-Er Twinkal Vyas