की ज़िंदगी बेजान सी है दीवाने की,
आग लगा दी थी जमाने ने , जल तो सब कुछ गया,
बस उम्मीद कायम है परवाने की

Hindi Blog by प्रवीण बसोतिया : 111665446

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now