कह तो देते है आसानी से कि खुश हैं
हम वो तो हमारा दिल ही जानता है कितने खुश है हम किराए की मुस्कान चेहरे पर सजा तो देते है
मुस्कान की ओड में आसू छिपा तो देते है
कह तो देते है खुश हैं हम
पर दिल ही जानता है कितने खुश हैं हम
वो आइना भी दुश्मन लगने लगा है
खुद का चेहरा पराया लगने लगा है
क्या कुसूर किसी को दे
हर कोई ग़म उसका बनाया लगने लगा है
अब तो आदत सी हो गई
उसे जुर्म ढाने की हमपर गमो से
हमे भी मोहबत सी होने लगी है
सोचते कभी खत्म होगा ये सिलसिला
झूठी मुस्कानों का ये कारबां
शायद
कह तो देते है खुश है दिल ही जानता है कितने खुश हैं हम

Hindi Shayri by Aastha Rawat : 111664177

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