सबसे मुश्किल ये जिंदगी
यादों के सफर में कट जाती है।
लाख कोशिशो के बावजूद
दो हिस्सों में बट जाती है।
तुझसे शुरु होती है औंर
तुजमे ही सिमट जाती है।
लडती-झगडती है खुदसे,
खुद ही निपट जाती है।
तय कर लेती है फाँसले
कच्चे धागों सी छूट जाती है।
छोटे बच्चों की तरह है
बारबार बस रूठ जाती है।
मना कर अपनेआप को
दोबारा वहीं लूट जाती है।
बेपरवाही से दिलोजान की
अक्सर ही तूट जाती है।
समेट कर टूकडें प्यारवाले
जिंदगी राह में जूट जाती है।
आहा!......आसान कहाँ.... ये जिंदगी
मूशकिल है बडी...कमबख्त
यादों के सफर में कट जाती है।
पद्माक्षी (प्रांजल)

-Padmaxi Patel

Hindi Tribute by Padmaxi : 111661377

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