भले ही मेरे हाथ में, वो लकीरें ना हों
रुतबे, शोहरतें, दौलत के ज़खीरे ना हों
पर ईमान, और मेहनत के नगीने जो हैं मेरे पास
उन्ही से हैं ज़िंदा मेरी उम्मीदें और ये आस
कि मंजिले भी करेंगी इस्तकबाल मेरा
ना होगा कोई गिला ना कोई सपना अधूरा
क्योंकि हौसला है बुलंद, चाहे तकदीरें ना हों
हाथ तो हैं,भले उनमें वो लकीरें ना हों


-Satish Malviya

Hindi Motivational by Satish Malviya : 111657436

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