मुस्कुराहटों पर दिले-जां- निसार था।
तेरे वादों पर मुझको भी इकरार था।।
तुझ पर हम तो यूं ही लुटते रहे,
तेरे दिल से सनम मुझको प्यार था।

Hindi Shayri by Namita Gupta : 111654613

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