अब जब हम आधुनिक है तो,
पुरानी चीजे ही जाएंगी,
और नई को घर लाया जाएगा।
इसलिए आधुनिक बनने की चाह में,
संस्कार , सभ्यता , वेशभूषा , भाषा
को बाहर कर आये है।
घर में आधुनिकता के नाम पर,
दिखावा लेकर आये है।
बड़ो का सम्मान, छोटो के प्रति प्यार,
गरीबों पर दया, अपंगों की मदद,
माफ करें, हम भेदभाव नही करते।
अब सब समान हो गए है।
दिखावे की चादर ओढ़े,
हम आधुनिक हो गए है।

-Sarita Sharma

Hindi Poem by Sarita Sharma : 111652163

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