थक गया हूं रोटी के पीछे भाग भाग कर,
थक गया हूं सूनी-सूनी रातों में जाग जाग कर,
काश मिल जाए वो बीता हुआ बचपन मुझे,
जब मां खिलाती थी भाग भाग कर ,
और सुलाती थीं लोरिया सुना सुना कर।

✍️मनिष कुमार "मित्र" 🙏

Hindi Blog by मनिष कुमार मित्र
मनिष कुमार मित्र" 3 years ago

हार्दिक धन्यवाद 🙏

मनिष कुमार मित्र" 3 years ago

हार्दिक धन्यवाद 🙏

मनिष कुमार मित्र" 3 years ago

शेखर जी तहेदिल से शुक्रिया धन्यवाद 🙏

shekhar kharadi Idriya 3 years ago

वाह वाह..हृदय को छू लिया, बेहतरीन

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now