कुछ बातें पैसों (धन) की....

पैसों की कमाल देखो...

वंदनीय एवं ज्ञानी होने पर भी बिना पैसे अवहेलना होती है।
पैसा होने पर अज्ञानी लोगों को भी मान सम्मान मिलता है।
इस दुनिया में कोई किसी के अधीन नहीं, सब पैसों के अधीन है।
पैसों का कोई रूप नहीं फिर भी सब को अपनी और आकर्षित करता है।
पैसों का कोई हाथ नहीं पर काम सब करता है।
पैसों का कोई पांव नहीं पर चलता सब में है।
पैसों की कोई जुबान नहीं फिर भी बोलता है।
पैसा कोई अन्न नहीं, फिर भी उसे बहुत ज्यादा खाया जाता है।
पैसा होने पर दूर के रिश्तेदार भी आपके करीब रहते हैं।
बिना पैसे आपके अपने भी आप से दूरियां बनाए रहते हैं।

✍️मनिष कुमार "मित्र" 🙏

Hindi Blog by मनिष कुमार मित्र
मनिष कुमार मित्र" 3 years ago

शेखर जी इस उत्कृष्ट एवं यथार्थ समीक्षा देने के लिए आपका आभार प्रकट करता हूं धन्यवाद 🙏

shekhar kharadi Idriya 3 years ago

यथार्थ निरूपण क्योंकि पैसों का तो सब खेल है, यहां इंसान पैसों के पीछे मरते दम तक भागता रहता है, न अच्छा या बुरा देखता है, न पद की गरिमा देखता है, न गरीब का झोपड़ा देखता है, न आर्थिक स्थिति देखता है बस पैसों को हड़पना जानता है । अनगिनत भ्रष्टाचार या घोटाला करके अपने जैंबे भरने ही जानता है... धन्यवाद 💐👏

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